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योग्य बनें, भरोसा रखें और जीवन को अवसर देने दें…

  • Writer: Nirmal Bhatnagar
    Nirmal Bhatnagar
  • 11 minutes ago
  • 3 min read

Dec 16, 2025

फिर भी ज़िंदगी हसीन है…

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दोस्तों, कॉर्पोरेट कल्चर सी लगती इस भागमभाग भरी ज़िंदगी में ख़ुद को दौड़ में बनाए रखने या यूँ कहूँ ख़ुद के सपनों को पूरा करने के लिए हम सभी मेहनत करते हैं, संघर्ष करते हैं, लक्ष्य बनाते हुए, जीवन में आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं। लेकिन अक्सर हमारी सोच, हमारे डर और हमारी सीमाएँ ही हमें रोक देती हैं। हम अवसरों को अपनी सीमित सोच या नजरिये की वजह से छोटे-बड़े के रूप में आँकने लगते हैं और यह भूल जाते हैं कि जीवन कभी सीमाओं में नहीं देता। जी हाँ, सही सुना आपने जीवन हमें कभी भी सीमित या सीमा में नहीं देता वह तो हमेशा हमारी नीयत और मेहनत के आधार पर देता है। चलिए इस बात को हम पहले भी कई बार सुनी एक पुरानी कहानी से समझने का प्रयास करते हैं-


बात कई साल पुरानी है, एक न्यायप्रिय राजा वेश बदलकर अपने राज्य का हाल जानने के लिए निकला। रास्ते में उसके कुर्ते का सोने का बटन टूट कर गिर गया। यह देख मंत्री ने गाँव में मौजूद एक छोटे सुनार को बुलाया और उसे एक नया बटन बनाने का कहा। सुनार ने कुशलता के साथ कुछ ही देर में वैसा ही बटन तैयार कर दिया। राजा उसकी कारीगरी को देख अभिभूत था क्योंकि नया बटन इतना उत्कृष्ट था कि पुराने और नए में भेद करना मुश्किल था। यह देख राजा प्रसन्न हुआ और सुनार से इसका मेहनताना पूछने लगा।


सुनार ने राजा को देख दो रुपये माँगने का निर्णय लिया, लेकिन तभी उसके मन में विचार आया कि ‘कहीं राजा को ऐसा ना लगे कि मैं गाँव वालो को लूटता हूँ। विचार आते ही वह डर गया और हिचकते हुए बोला, “महाराज, आप जैसा उचित समझें।” और यहीं पर जीवन ने उसे चौंका दिया, राजा ने मंत्री को आदेश देते हुए कहा, “इस सुनार को दो गाँव दे दिए जाएँ!” सुनार स्तब्ध था। जिस काम के लिए वह दो रुपये माँगने में भी डर रहा था, उसी काम ने उसे दो पूरे गाँवों का मालिक बना दिया। दोस्तों, यह कहानी हमें जीवन को बेहतर बनाने की कई सीख देती है। उदाहरण के लिए-


1. अपनी क्षमता को कम मत आँकिए

अक्सर हम ख़ुद को कम आंकते हुए सोचने लगते हैं कि “मैं यह कार्य कैसे करूँगा?”, “मैं इस पद के लायक नहीं हूँ।”, “मैं इतना बड़ा प्रोजेक्ट नहीं सम्भाल सकता।”, “मुझे इतनी सैलरी या क़ीमत नहीं माँगना चाहिए।” आदि… लेकिन दोस्तों सच तो यह है कि आपकी सोच छोटी हो सकती है, पर आपके भीतर की क्षमता नहीं। याद रखिएगा, आज के समय में आपके कौशल, नीयत और प्रतिबद्धता की कीमत आप नहीं तय करते, वह तो तय होता है आपके कार्य और आपके प्रभाव से।


2. डर आपको अवसरों से दूर कर देता है

सुनार की तरह, व्यवसायिक जीवन में भी बहुत से लोग प्रमोशन माँगने में, अपने योगदान बताने में, नए अवसर लेने में, अपनी प्रतिभा सामने लाने में संकोच करते हैं और इसीलिए आगे बढ़ने के अवसरों से चूक जाते हैं। याद रखिएगा, जो व्यक्ति डर के कारण चुप रहता है, वह अपनी ही प्रगति का दरवाजा बंद करता है।


3. भरोसा रखें—कभी-कभी जीवन आपकी अपेक्षा से अधिक देता है

कई बार हम छोटी-सी वृद्धि चाहते हैं, लेकिन कई बार उसे साझा करने के बाद भी नज़रअंदाज़ किया महसूस करते हैं। ऐसी स्थिति में अक्सर थोड़ा सा धैर्य रखना फायदेमंद होता है क्योंकि कई बार नियति आपको किसी नई भूमिका, बड़े पद, बड़े पैकेज और अधिक ज़िम्मेदारी के लिए तैयार कर रही होती है। याद रखियेगा, जीवन और लीडर कभी-कभी वह देते हैं जिसके विषय में हम सोच भी नहीं पाते।


4. उत्कृष्टता का फल हमेशा असाधारण होता है

सुनार को इनाम उसकी विनम्रता से नहीं बल्कि उसके काम की उत्कृष्टता से मिला। व्यवसायिक जीवन में भी शानदार काम, समय पर डिलीवरी, और ईमानदारी हमेशा औसत से कहीं अधिक लाभ दिलाती है।


अंत में इतना ही कहूँगा दोस्तों, आपके प्रयास सीमित हो सकते हैं, पर अवसर हमेशा अनंत होते हैं। जिस दिन आप डर छोड़कर अपनी योग्यता पर भरोसा रखते हुए, जीवन पर विश्वास करेंगे, उसी दिन से ज़िंदगी आपको आपकी कल्पना से भी अधिक बड़े परिणाम देने लगेगी। याद रखियेगा, जीवन हमेशा वही नहीं देता जो आप माँगते हैं, अक्सर वह उससे कहीं अधिक देता है। इसलिए बड़ा सोचें, बड़ा करें, और ईश्वर, प्रकृति या नियति पर भरोसा रखें।


-निर्मल भटनागर

एजुकेशनल कंसलटेंट एवं मोटिवेशनल स्पीकर

 
 
 

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